हमारे देश को आजादी मिले ६४ साल हो गए है फिर भी हमारी देश की जनता के दिल में यही सवाल है क्या हम सच में आज़ाद है
आज हम ब्रिटिश राज से तो आज़ाद हो गए पर्न्तो हम अब अपने देश के लोगो से ही आजादी नहीं मिल रही
हमारे देश के महान नेताओ और क्रांतिकारियों के कारण ही आज हम भारत देश के आज़ाद होने की ख़ुशी मना रहे है
हमारे लिए उन्होंने अपनी आहूति दी लेकिन आज ऐसा लगता है की शायद वो बलिदान और कुर्बानी का मतलब खतम होता जा रहा है
और आज यह देश एक बार फिर गुलाम हो गया है
हम अभी आज़ाद नहीं है गरीबी से ,महगाई और महामारी से और एसी अन्य दुविधाओ से हम आज भी आज़ाद नहीं है
आज हम किसी दूसरे से नहीं बल्कि अपने ही देशवासियों से आजादी माग रहे है
आजादी का मतलब सिर्फ आराम से रहना यह खुली सडको पर घूमना नहीं होता
आजादी का असली मतलब होता है साडी समसियाओ का निवारण करना
हमारे देश के सभी क्रांतिकारियों ने एक साथ हो कर ही इस दश को ब्रिटिश राज से आज़ाद किया था
तो हमे भी अपने दश की रक्षा करनी होगी अपने दश को फिर से सवारना होगा
इस दश में प्यार के बीज फिर बोने होगे
तभी होगा यह दश हर दुविधा से मुक्त और मिलेगी हम सबको सच्ची आजादी

 

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