दूसरों की बात क्यों, हम स्वयं की बात करें
अपने घर- परिवार, देश-समाज की बात करें
मिलती दो जून की रोटी, जिसकी मेहनत से
देश के उन किसान भाइयों की बात करें
रक्त- पात, हिंसा , नफ़रत की बात, पाप है
हम प्यार, मानवता , मोहब्बत की बात करें
हमारा वतन , चमन कैसे बने, उसके लिए
कुछ खुशनुमा फ़ूलों की बात करें
गीता , महाभारत , रामायण, कुरान, पुराण
का सम्मान करें,गाँधी,बुद्ध,ईशा की बात करें
HTML Comment Box is loading comments...