कही बेवफ़ा ना हो जाए…
इतना भी ना सता मुझे,कही दिल ख़फा ना हो जाए,
मेरी नज़र में तू,कही बेवफ़ा ना हो जाए…
ख़ामोश रहकर होगी ख़ामोशी ही हासिल,
इस खामोशी में देखना, कही जफ़ा ना हो जाए…
माना रूठना भी है अदाए मोहब्बत,
ख़याल रखना ज़रा,कही हर दफ़ा ना हो जाए…
बिन तेरे जीना क्या इस बेदर्द ज़माने में,
मौत आए दर पे और, कही बावफ़ा ना हो जाए…
अब किस-किस से करें शिकायत "साजिद"
खामोश रहकर ज़माने से,कही रफ़ा ना हो जाए...
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