किसको  कहें अपना, अपना  यहाँ लगता कौन है

पानी से हाथ जलता जहाँ,आग से जलता कौन है

 

तमाम  उम्र माँगते रहे हैं  जिसके लिए हम दुआ

वही  आज पूछता मुझसे, तू मेरा लगता  कौन है

 

रो –रोकर सुनाने वाले की फ़रियाद सभी  सुनते हैं

मगर  गमज़दों का दिले फ़रियाद सुनता  कौन है

 

ऐसे  तो उसकी याद दिल से,मैंने कब का निकाल

फ़ेंका मगर आँसू बन मेरी आँखों से बहता कौन है

 

हर  घड़ी  मेरे साथ रहता ,कानों में  कुछ कहता

यह  दर्द का रिश्ता  मेरे साथ, निवाहता  कौन है

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