तुम  अपनी  कोई  कहानी मेरे नाम कर दो
बीती  जा  रही  जवानी  मेरे  नाम कर दो

मुहब्बत  में  सब  कुछ  जायज  है  होता
तुम  अपनी  कोई निशानी मेरे नाम कर दो

ढूँढ़्ते- ढूँढ़ते  ढूँढ़  लेंगे  तुमको  ऐ  बेनिशां
तुम  अपनी  परेशानी  मेरे  नाम  कर  दो

दरिया  की  तरह  बहती  जा  रही  अपनी
जवानी  के  दो  बूँद पानी मेरे नाम कर दो

निकलते  ही  दम, उठ  जायेंगे जहाँ से हम
तुम अपनी कोई गजनिहानी मेरे नाम कर दो
 

 
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