आज के परिवेश में एक प्रश्न सभी से ...........
इधर उधर 
फुदकती 
मन भाती 
चारों ओर चहचहाती 
चिरैया 
आँगन में नृत्य करती
गौरैया 
लगता है 
शायद अब 
किताबों में ही दिखेगी 
अमानवीय  क्रूर हाथों से 
कैसे बचेगी  वो ?

--अम्बरीष श्रीवास्तव
 

 
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