"दीवानापन" 
ये तेरा दीवानापन हमे भी एक दिन दीवाना कर देगा,
हर एक छोटी सी बात का , एक अफसाना कर देगा.
करता है वो कितने वादे आने के और मिल जाने के ,
दिल देगा आवाज उसे जब वो एक बहाना कर देगा.
खिलते हैं उस बाग़ मे कितने फूल चमेली चंपा के ,
निर्मोही है वो भंवरा एक दिन मुझे बेगाना कर देगा.
अच्छा है ये जूनून जो खेती करता है मुस्कानों की,
देखना एक दिन दुनिया मे खुशीओं का खजाना कर देगा.
मुल्कों की होती है सरहद -"सीमा " न कोई ख्यालों की,
लिखेगा जब जो भी " अभिन्न"-वो दिलों मे हंगामा कर देगा
 

 
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