वह कह रहे थे कि
करमू का लड़का बाल भारती से
पढ़ जायेगा
परत दर परत की नीति अपना
पन्ने उलट कर आज-
सवालों के हल निकाल
सीढ़ी सफलता की चढ़ जायेगा,
शिक्षालय के डोनेशन में
शिक्षक के ट्यूशन में
रुचि लेने के बाद भी
स्वाध्यायी अक्ल की नकल से
स्व केन्द्रीय अथवा स्वशासनी
व्यवस्था में भी,
लेकिन-
उन्हें नहीं ज्ञात है?
कि-
दुःखिया का भी एक बच्चा है
उसका क्या होगा
वह बालभारती कहां से लायेगा
तन ढकने को कपड़े
पेट को रोटी और
सिर छुपाने को छत नहीं
जिस पर
वह पुस्तकों की व्यवस्था
कैसे कर पायेगा
और-
कब होगी उसकी सुबह
जब -
वह मैले फटे चीथड़ों से निकलेगा
और-
विद्यालय की ओर जायेगा
क्या-
कागजों पर अधिक मजबूत
सर्वशिक्षा अभियान
उसे विद्यालय ला पायेगा।