अब तो पलकें भर आई ,
इस जमाने से डरकर ही सही
पलकें उठाकर, नयना मिलाकर
एक बार तो आईने में अपना दीदार कर ले !
हमारे दिल से न सही
अपने दिल से तो इकरार कर ले !
अगर प्यार है तेरा दूजा
कम से कम मेरे सामने तो बयान करदे !

जब से देखा है तुझे
एक ही चीज याद रह पाती है
तेरा मुस्कराता हुआ चेहरा !
हर दिन सपनो में आया करते है
तेरे काजल लगे नयना !

मानता हु तुम इतनी सुन्दर हो
शर्मा जाये परी तेरे आगे
हजारो आशिक होंगे, आगे पीछे तेरे,
फिर भी
मैं थोडा अलग हु उनसे
फिर ओकात क्या मेरी ?
मैं तुलना करू तुम से !

कभी तो हिम्मत करके देखो
इस दुनिया के सामने
झूठा ही सही,
एक बार तो प्यार करो मुझसे !
इस भीड़ में
एक बार तो पहचान करो मुझसे !!

 

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