जब गुँचा बना है तो गुल भी बनेगा
किस्मत है थोडा कोई ज्यादा खिलेगा
कोई तोडा जायेगा कोई टूट जायेगा
हर हाल में साथ शाख से टूट जायेगा .
हिस्से में किसी के सिर्फ आंसू आयेगे
और किसी के हर ओर शहनाई बजेगी
किस्मत में सजेंगी कहीं सुख की कतारें
दामन में किसी के फकत तन्हाई बचेगी
कभी तूफान आयेंगे कभी पतझर भी आयेंगे
समय - असमय कभी बादल भी छाएंगे
काँटों की चुभन भी कभी मन दुखाएगी
और ज़िन्दगी अपना पूरा रंग दिखाएगी
लेकिन जो औरों की खातिर मुस्कुराता है
ज़माना याद में उसकी सदा आंसू बहiता है
बहुत कम फूलों की ऐसी तकदीर होती है
जो मिटने के बाद भी खुशबु छोड़ जाता है