कह रहे थे वो , शायद बड़े होंगे हम
उनको पता नही था, उनकी सोच से भी छोटे होंगे हम !
वो पहली बाते, रो - रो कर सजन को मनवाने
वो पहली मुलाकाते, देख कर अनजाना कर जाने !
किसने सोचा था ये रिश्ता भी बना लेगे हम
कह रहे थे वो , शायद बड़े होंगे हम !!

कह रहे थे वो, दिल से चाहते है भईया
जाने क्यों लगता है, उस पागल से चेहरे को देख
तोडू मत इस फुल को, और फुल खिलने दू
हजारो लाखो में एक होगी "अंकी" तू !
सोचता हु उस दिन भी कह पायेगी भईया
कह रहे थे वो, दिल से चाहते है भईया !!

कह रहे थे वो, आपनी जान गवां देगे
रूठ न जाये हम , संसार गवां देगे !
अब कोन समझाये उन्हें
दिल का ये रिश्ता तोड़े नही टूटता
लाख कोशिश करे, भुलाये नही भूलता !
हर पल कि ख़ुशी उनके कदमो में ला देगे
"दीपक" का वादा तुमसे, ये रिश्ता निभा देगे
कह रहे थे वो, आपनी जान गवां देगे!!

 

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