मेरी दुनियाँ
-अजन्ता
शर्मा
ये ख़्वाबों
ख्यालों विचारों की दुनियाँ
मन को दुखाते
कुछ सवालों की दुनियाँ
उस कोने पड़ी एक
शराब की बोतल
इस कोने पड़ी खाली थालों की
दुनियाँ
दौड़ते औ भागते रास्तों का
फन्दा
या तन्हा सिसकती राहों की
दुनियाँ
तू कौन क्या तेरा क्या उसका क्या
मेरा
कुछ बनते बिगड़ते सहारॊं की
दुनियाँ
एक कमरे में पलते सपनों की
दुनियाँ
एक कमरे में ख़्वाब के मज़ारों की
दुनियाँ