नव-वर्ष
डा. महेंद्रभटना़गर
.
नूतन वर्ष आया है!
मधुर बंधुत्व का विस्तार लाया है!
.
आतंक के माहौल से अब मुक्त होंगे हम,
ऐसा घना अब और छाएगा नहीं भ्रम-तम,
नूतन वर्ष आया है!
अमन का; चैन का उपहार लाया है!
.
सौगन्ध है — जन-जन सदा जाग्रत रहेगा अब,
संकल्प है — रक्षित सदा भारत रहेगा अब,
नूतन वर्ष आया है!
सुरक्षा का सुदृढ़ आधार लाया है!
 

 
HTML Comment Box is loading comments...
Free Web Hosting