निराला है आदमी

दुनिया में सबसे नेक निराला है आदमी ।

इस जग के सभी जीव में आला है आदमी ॥

एक दूसरे का कीजिए उपकार शौक से ।

इंसानियत का कीजिए व्यापार शौक से ॥

गिरजा भी है,मस्जिद भी,शिवाला है आदमी ।

दुनिया में सबसे नेक निराला है आदमी ॥

हर रूप के,हर रंग के इंसान यहाँ हैं ।

अपनों के बीच घूमते हैवान यहाँ हैं ॥

अमृत का जाम,जहर का प्याला है आदमी ।

दुनिया में सबसे नेक निराला है आदमी ॥

नफ़रत को छोड़,प्यार की दुनिया बसाइये ।

छोटे-बड़े सभी को गले से लगाइये ॥

’चन्दन’, अंधेरे मग का उजाला है आदमी ।

दुनिया में सबसे नेक निराला है आदमी ॥

 

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