सांस्कृतिक
दूत़
हम
सब
हैं
भारत
के
सांस्कृतिक
दूत़
हमारी
मातृभूमि
के
हम
सच्चे
सपूत.
हमारा
है
यही
एक
कतर्व्य
यही
उत्तरदायित्व
पुण्यभूमि
के
सन्देश
से
लाभान्वित
हो
सारा
विश्व.
सदियों
के
पूर्वजों
ऋषियों
की
हम
है
आशा़
अगली
सभी
पीढीयोंकी
हम
हैं
अभिलाषा
.
सदियों
के
पावन
भण्डार
के
हम
उत्तराधिकारी़
वेद-
उपिनषद-
गीता
रुपी
अमृत
के
हम
पुजारी.
संस्कृति
के
जीर्णोधार
का
हमें
मिले
आह्वान
भारतीयता
के
पुनरुत्थानका
हम
मांगें
वरदान