श्मशान

कंक्रीटों के जंगल में

गूँज उठते हैं सायरन

शुरू हो जाता है

बुल्डोजरों का ताण्डव

खाकी वर्दियों के बीच

दहशतजदा लोग

निहारते हैं याचक मुद्रा में

और दुहायी देते हैं

जीवन भर की कमाई का

बच्चों के भविष्य का

पर नहीं सुनता कोई उनकी

ठीक वैसे ही

जैसे श्मशान में

चैनलों पर लाइव कवरेज होता है

लोगों की गृहस्थियों के

श्मशान में बदलने का।

 

 

आकांक्षा यादव

प्रवक्ता, राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज

नरवल, कानपुर नगर-209401

kk_akanksha@yahoo.com

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