डा० प्रमोद प्रकाश सक्सेना ’पुष्कर’

९१, चित्रगुप्त नगर, कोटरा,सुलतानाबाद

भोपाल – ४६२००३

 

स्मृति

 

एक स्मृति जब तुम्हारी, प्राण मेरा मांग लाया

फ़िर जब देखा उधर ही, बस तेरा संदेश पाया

 

श्वांस में पदचाप तेरा सुन हृदय जब डोलता है

रात उसका मोल करती, प्रात: उसको तौलता है

भेद की इस बात को मैंने मगर सबसे छिपाया

                          एक स्मृति----

मैं जली विरहाग्नि में जब, पहिनकर अंगारमाला

तन जला, मन भी जला और हो गया हर छोड़ काला

श्याम रंग ऐसे रंगी, फ़िर और कोई रंग न भाया

                             एक स्मृति----

हो वृहद से एक लघु का,तुम कहो किस भाँति परिचय

आँसुओं से प्यार  का तेरे करूँ क्या बोल विनिमय ?

बांट  दूँ  जीवन  सुधा  तेरी  मिले  जो  छत्र छाया

                                एक स्मृति----

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