स्थिर परम्पराएं
आओ चलो पत्थरों की फसलें उगाएं
कुछ ताजिये ठंडा करें
कुछ गणेश प्रतिमाएं विसराएं
बारम्बार रीतियों के चक्र में
कुछ नीतियों को खोदें
कुछ को दफनाएं
स्थिर प्रकृति के चलचित्रों से
इनको थोड़ा अलग बनाएं
आओ चलो पत्थरों की फसलें उगाएं
ऊंचे ढकोसलों की ऊहापोह में
इमान से गिरता इंसान बचाएं
ठकुरसुहाती सुनने वालों को
उनका चरित्र दर्पण दिखलाएं
होगा न रंगभेद डुबकी लगाने से
सागर में थोड़ी नील मिलाएं
नीले अंबर से सागर का समागम करवाएं
आओ चलो पत्थरों की फसलें उगाएं