नव-वर्ष
अष्टदशोऽअध्यायः(शेष भाग) मोक्षसंन्यासयोग
चतुर्द्शोऽध्यायः (अंतिम भाग)गुणत्रयविभागयोग
पञ्चदशोऽध्यायः पुरुषोत्तमयोग
त्र्योदशोऽध्यायःक्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग
द्वादशोऽध्यायः भक्तियोग
एकादशोऽध्यायः विश्वरूपदर्शनयोग
नवमोऽध्यायःराजविद्याराजगुह्ययोग (शेष भाग)
दशमोऽध्यायः विभूतियोग
सप्तमोऽध्यायः ज्ञानविज्ञानयोग
(अंतिम भाग)
अष्टमोऽध्यायः अक्षरब्रह्मयोग (शेष भाग)
ज्ञानविज्ञानयोग
(शेषभाग)
भगवद्गीताका भावानुवाद, पंचमोध्या
आत्मसंयमयोग
(शेष भाग )
भगवद्गीता (चतुर्थ अध्याय) अनुवाद
एक असीम गीत भीतर है
अब न कोई राज छिपे
जीवन चलते-चलते बीता
भगवदगीता का भावानुवाद
इक मद्धिम-मद्धिम आंच जले
वह कौन है
शहंशाहों की रीत निराली
अब न कोई राज छिपे
जीवन चलते-चलते बीता
बहो, बस बहो
कोई हमसा भीतर रहता
अनकहे गीत बड़े प्यारे हैं
खुद से भी तो मिलना सीखो
चलो उगा दें चाँद प्रीत का
आत्मा का सूरज
महाशिवरात्रि
गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाये
हम एकाकी
बादलों के पार
पंद्रह अगस्त
विजयादशमी
खुलवाएं जो बंद द्वार है