डा० श्रीमती तारा
सिंह की कहानी-संग्रह ,’तृषा’ की समीक्षा
’तृषा’ पुस्तक पढ़कर मुझे यह एहसास हुआ कि लेखिका ने अपने जीवन को बहुत ही करीब से
देखा है । जीवन के हर एक पल को एहसास किया है और इनके माध्यम से सच-झूठ ,सही-गलत को
जान कर, जीवन के रास्ते पर चलने का अपना एक सही मार्ग बना लिया है ।
एक आम आदमी अपनी अपनी सारी जिंदगी जी तो लेता है, लेकिन इन खूबसूरत पलों को एहसास
नहीं कर पाता है ।
तो फ़िर दोस्तो ! चलो हम भी यह पुस्तक पढ़ें और डा० तारा सिंह की तरह अपनी जिंदगी के
हर एक पल को एहसास करें और अपने जीवन का सही मार्ग पहचान लें ।
कैप्टन मनोज सुरापाणेनी
मास्टर मैरिनर एफ़०गी०
बर्नहार्ड सूल्ज़ शिप मैनेजमेंट,
होंगकोंग