हर व्यक्ति की पहचान उसके नाम से नहीं बल्कि उसके ईमान से होती है
अगर वो ईमानदार हैं तो उसका नाम बताने की जरूरत ही नहीं
पर आज ईमानदारी शब्द का अर्थ लापता हो गया है
इस देश में ईमानदारी की कोई कदर नहीं रहे गई
क्योंकि यहा लोग ईमानदारी का रास्ता देखना देखना भी पसंद नहीं करते
और आज के लोग ईमानदारी को बेवकूफी समझते है
उन्हें तो बस अपनी ज़िंदगी व्यतीत करनी है चाहे वो किसी भी तरह क्यों ना करे
इस देश में आज हर तरफ बेईमानी का बोल-बाला गूंज रहा है
कई पर भी सच्चाई का मार्ग नहीं है
लेकिन , आज भी अगर सब लोग बेईमानी का त्याग कर के ईमानदारी के पथ पर चले
तो कठिनाई तो होगी
पर उस ईमानदारी के रास्ते पर चल के ही हर ख़ुशी और जित की कल्पना पूरी होगी
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