ऐसे ही हम क़रीब नही आ गए होंगे,
रब ने ही यूं तकदीर बनाई हुई होगी... 

ऐसे ही हम बाँहों मे समाये नही होंगे, 
किस्मत ने वजह ज़रूर कोई पाई हुई होगी... 

ऐसे ही हम ने अपनी बीती को बताया नही होगा, 
हमदर्द बन के तुम जब तलक नही आयी हुई होगी... 

ऐसे ही दिल की गहराईओं में तुम समाई नही होती,
कोई तो तेरी बात दिल को मेरे लुभाई हुई होगी.... 

ऐसे ही मेरे पास चली आओ तुम एक दिन,
वरना ये ज़िंदगी मेरी ऐसी ही गंवाई हुई होगी.........!
 

 
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