हों न हालात मिलेंगे हम-तुम
बात-बेबात मिलेंगे हम-तुम.
एक सा खून रगों में अपनी
एक है जात मिलेंगे हम-तुम.
बेरुखी छोड़ चलें शहरों में
गाँव देहात मिलेंगे हम-तुम.
फिर किसी मोड़ किसी मंजिल पर
है मुलाकात मिलेंगे हम-तुम.
खो न जाना डगर अँधेरी है
चाँद की रात मिलेंगे हम-तुम.
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