शौक से डाल हिला कर देखो
फूल दो चार खिला कर देखो.
खूब माहौल गुनगुनाएगा
छाँव में धूप मिला कर देखो.
आजमाओ अगर वफ़ा उनकी
घूंट भर अश्क पिला कर देखो.
वो सारे आम क़त्ल करते हैं
आखिरी बार गिला कर देखो.
दर्द तो लाख दिलाये होंगे
एक मुस्कान दिला कर देखो.
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