वीरान है आँखे बिन आँसू


वीरान है आँखे बिन आँसू, इंतज़ार में तेरे अब I
वो भी भूले है लगता है, हेतु भूला में जिसके जग II

ख्वाब ही होते गर तुम मेरा, होता कितना वो अच्छा,
जब चाहे मिल लेता तुझसे, मिलन होता वो सच्चा,
काश! तुम जानो मेरी पीड़ा, नहीं मिलते हो मुझसे जब I
वीरान है आँखे..........................................II

प्यार ये कैसा तेरा है, कैसे रहते हो मेरे बिन,
कहीं एक तरफ़ा तो प्यार नहीं? तिल-२ मरता हूँ तेरे बिन,
गर कुछ होता जो मैं तेरा, तुम दौड़े आते चाहूँ जब I
वीरान है आँखे..........................................II

चंद क्षण भी नहीं मेरे लिए, मेरा तो सब कुछ तेरा है,
सब जग छोड़ा खुद मैंने, की सच में तू तो मेरा है,
कुछ लम्हे दे दो तुम मुझको, गिरवी रखलो जीवन सब I
वीरान है आँखे..........................................II

तेरा दिल है बहुत बड़ा, मुझको रख को तुम भीख सोच,
पूर्ण मेरा अधिकार नहीं, झलक दिखा कुछ क्षण तू रोज,
'मनु' आंसू बनकर खूब बहा, चुल्लू काफी मरने को अब I
वीरान है आँखे..........................................II

§ बिजेंद्र एस. 'मनु'

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