दूसरे मुहल्ले में लगी आग को देखकर उसे कोई कष्ट न हुआ।यह सोच लिया कि
वह बहुत दूर है। उसका घर आग से पूरी तरह सुरक्षित है।
तभी हवा का एक झोंका आया और उस झोंके के साथ आग की एक बड़ी चिन्गारी उठी
और उसके मकान में आकर गिर गई। अब उसका घर भी जल रहा था।
दूसरे मुहल्ले के लोग उसके जैसा सोचते हुये दूर से तमाशा देख रहे थे।