कहानी में हमारी ज़िन्दगी की रंग आ जाता

हमारा नाम तेरे नाम के गर संग आ जाता

अजब आदत हुआ करती हमेशा देख इंसा की

जिसे वो प्यार करता है उसी से तंग आ जाता

रहे हम बीच फूलों के बना कर झूठ को साथी

करी चाहत जभी सच की तभी सर संग आ जाता

अकेले हीं चले बस थाम दामन हम शराफत का

नहीं तो साथ चलने का सभी के ढंग आ जाता

ज़माने की सुनो तो खूब करता प्यार वो हमसे

सुनो दिल की कभी तो देख करने जंग आ जाता

मजा देता सनम सो सो गुना त्योंहार होली का

हमारे पास देने थाप गर ले चंग आ जाता

बिताते ज़िन्दगी ‘नीरज’ अगर सच में गुलाबों सी

लगाने का गले से खार को भी ढंग आ जाता

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