दौरान - ए - खिज़ां, तबस्सुम की नज़र, बदल पदो - कफ़स, चला अस्रो - सफ़र, मिली जो मसर्रत , राह भर था असर, ढूँढ़े कौन जहाँ में , अब नई एक डगर ।
' रवीन्द्र '