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हाथ तेरा थाम लिखदूँ शाम तेरे नाम लिखदूँ
उँगलियों से उँगलियों पर रूह का पैगाम लिखदूँ
कौन क्या हमसे कहेगा भूल जाओ मीत मेरे
तुम मेरी बाहों में आकर झूल जाओ मीत मेरे
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- बृजेश यादव