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हालात से घबराके कुछ तो भाग्यवादी हो गए
और कुछ घुटनों के बल चलने के आदी हो गए
कुछ डर गए कुछ मर गए बस वो ही रण में शेष हैं
संघर्ष की ज्वाला में तप कर जो फौलादी हो गए
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-बृजेश यादव