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लाख कोशिश हो रोकने की मगर

 

lakhkoshish

 

 

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लाख कोशिश हो रोकने की मगर
हमको इस रात से निकलना है
अब अंधेरों से कहो हद में रहें
जुगनुओं को मशाल बनना है
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-बृजेश यादव

 

 

 

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