www.swargvibha.in






माँ की रहमत

 

 

rahmat

 

माया को इक गधे की तरह ढो रहा था मैं
माँ ! तूने मुझे भक्ति के लायक बना दिया
कुत्ते की तरह भौकता फिरता था दरबदर
गाया तेरे दर पे तूने गायक बना दिया
-----------------------------------------------
- बृजेश यादव

 

 

HTML Comment Box is loading comments...
 

Free Web Hosting