माया को इक गधे की तरह ढो रहा था मैं माँ ! तूने मुझे भक्ति के लायक बना दिया कुत्ते की तरह भौकता फिरता था दरबदर गाया तेरे दर पे तूने गायक बना दिया ----------------------------------------------- - बृजेश यादव