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ना कभी मख्खन लगाया ना कभी सज़दा किया
ना किसी सरकार में और ना किसी दरबार में
कर्म की गीता लिए चलता गया चलता गया
कृष्ण ! मेरी जीत में हैं कृष्ण ! मेरी हार में
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-बृजेश यादव