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ना टिकिट की न लिफाफे की ज़रुरत कोई
डाक हरदम ये डाकिए के बिना लगती है
दुआ भी दिल से निकलती है तो जा लगती है
हाय भी दिल से निकलती है तो जा लगती है
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- बृजेश यादव