तमन्ना ना मुझे1 हर रोज़ तेरी इस बज़्म2 में आने की,
पिलादे3 आज इतनी कि ना बचे4 किसी भी ज़माने5 की.
1- I do not wish to come again and again,
2- to your Party, संसार, materialistic world.
3- फल देना , to give the fruits of all previous deeds,
4- No previous deed should remain un-liquidated.
5- पुराने संचित किये हुए, of previous births.
( It is traditional to store wine for a long period
of time to develop it's taste)
' गहराई '
वो कोई और होंगे जो भंवर में साहिल तलाशते हैं,
हम तो टकरा के भंवर से , उसकी गहराई नापते है.
क़यामत सा तेरा जलवा, तौबा उसपे ये कातिल सी अदा,
है ख़ूबसूरत ये रंगे महफ़िल, बताओ तो सही इसका पता.
तेरे कूचे से जब हो के गुज़रे,
क्यूँ न तेरे दर को छूके निकले,
बे-वफ़ाई न दस्तूरे - दर तेरा ,
हमीं गाफ़िल- ए- वफ़ा निकले।
उम्र तमाम गुज़री , अहसास तब हुआ हासिल,
नज़र का धोखा फखत, यहाँ कोई नहीं मंजिल।
' निशान '
चले जाना मगर निशाँ छोड़ जाना ,
रहने को औरों के, मकां छोड़ जाना ।
' ख़्वाब '
हर बार ख़्वाब तोड़ कर ही तूने सजा दी,
ख्वाबे- खुदगर्जी देखने की जब भी ख़ता की ।
' अचरज '
कश्ती भँवर में नहीं डूबी, माँझी नये सँभाल लेते हैं,
छोड़ गये जो बीच धार, यूँ ही अचरज बयाँ करते हैं।
' शिकायत '
उनको है शिकायत हमसे कि ख़्वाबों में नहीं आते,
कैसे कहें उनसे कि उनके ख़्वाब ही तो हमें सताते।
कश्ती को हर बार साहिल पे पाया,
भरोसे पर तेरे जब भी छोड़ आया ।