ताला लगाके रख दिया संदूक में जिसे फिर कैद हो गया वो तिरंगा उदास है फहरा सकें हमेशा जो अपने जमीर में उन राष्ट्रभक्तों की उसे कबसे तलाश है
-बृजेश यादव