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शौक

 

 

फ़र्ज़ बड़ी चीज़ है , शौक भी कुछ कम नहीं,
जीना ग़र फ़र्ज़ है, शायरी शौक से कम नहीं ।

 

 

' रवीन्द्र '

 

 

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