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Thakur Deepak Singh kavi

 

 

 

1.

 

"अपने साये में ही सही...
बसा ले मुझे इस कदर...
कि खुद की परछाईयों में भी मैं...
तेरा चेहरा देखा करूँ"

 

 

2.

 

"रूठी हुई हो कितना भी हमसे वो..
सामने आने पर मुस्कुरा दो देती है वो...
क्या बताये उनसे...
उन्हे मनाने का मज़ा ही कुछ और है..."

 

 

3.

"चाहत है मेरी कि...
मेरे हर पल...
तेरी बाहों में आकर बिखर जाये...
नजरें बंद हो सपने तेरे हो...
जो नजरें खोलू तो तू नज़र आये..."

 

4.

प्यार तो एक अहसास है...
और तुम हो कि एक नाम चाहती हो...
मेरी बेइम्तहाँ मोहब्बत मे भी...
हर पल इम्तहान चाहती हो..."

 

 

5.

"जनता भी क्या गजब रूप दिखाते हो...
गुनाह को दबाने के लिए पहले तो भङकते हो...
भी खुद ही चुप हो जाते हो...
ऐसा करके आखिर किसका हौसला बढाते हो..."

 

 

6.

"तुझसे वफ़ादार तो मेरा ग़म है...
कम से कम...
तेरी तरह...
मेरा साथ छोङ के तो नहीं जाता..."

 

 

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