www.swargvibha.in






तेरे बग़ैर

 

 

हर लम्हा जो, तेरे बिन गुज़रा,
एक ज़िन्दगी, गुज़री तेरे बग़ैर,
क्या खैर ये, ज़िन्दगी गुज़रेगी,
क़यामत तक, इश्क़ तेरे बग़ैर ।

 

 

' रवीन्द्र '

 

 

HTML Comment Box is loading comments...
 

 

Free Web Hosting