राखी का त्यौहार( तर्ज- आल्हा)
हिन्दी
कभी हमारे- कभी तुम्हारे द्वारे
शंख हूँ मैं तुम्हारा
मन में दृढ विश्वाश लिए
मेरे गाँव तू गवाह है