भलाई में छिपी है बरकत


मनुष्य जीवन में व्यक्ति हार दौर से गुज़रता है |
उसे जिंदगी के हर प्रशन का उत्तर स्वयम ही खोज ना पढ़ता है |

तो इस उलझन में वो कुछ ऐसे हालातों का सामना करता है |
जिस में एक तरफ अच्छाई का उजाला होता है |
तो दूसरी ओर बुराई का अधेरा |
मतलब , हर व्यक्ति जीवन में हमेशा अमीर बना चाहता है |

जिस में एक अमीरी होती है झूठी और दूसरी सच्ची |

जब इंसान पैसे कमाता है |
तो उसके मन में येही विचार आता है |
की यह पैसे वो अपने ऊपर लगाए|
परन्तु , जो इंसान अपनी कमाई में से थोड़े से पैसे किसी और के लिए दे उसे ही सच्ची कमाई कहते है |

अमीरी सिर्फ पैसो से नहीं आती |
अमीरी दिल से होती है |

अमीरी भलाई से होती है |

आज , के इस दौर में पैसे के अमीर बहुत है | पर भलाई के अमीर कुछ ही है |

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