बैतूल जैसे छोटे से आदिवासी बाहुल्य जिले को नाम एवं पहचान देने के लिए यूं
तो कई नाम गिनाए जा सकते हैं लेकिन बैतूलवी पत्रकारिता के इतिहास में एक
छोटे से गांव से लेकर राष्ट्रीय स्तर के पत्र – पत्रिकाओं में बीते 28
सालों से सिर्फ एक ही नाम अपनी पहचान बना पाया हैं। बैतूल जिला मुख्यालय से
मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सर्वोदयी ग्राम रोंढा में वनपाल श्री
दयाराम पंवार के घर 23 मई 1964 को जन्मे रामकिशोर पंवार को यूं तो देश की
पूरी मीडिया में जान एवं पहचान मिली लेकिन उन्हे सही मुकाम मिला उनकी धार –
धार लेखनी की वजह से जो पूरे देश भर के समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में
प्रकाशित हुई। आज देश भर के नामचीन पत्रकारो में अपनी पहचान बना चुके
रामकिशोर पंवार का संघर्ष पाथाखेड़ा की कोयला खदानो के मजदूरो के दर्द से
शुरू हुआ। श्री पंवार ने अपनी कलम से एक आन्दोलन को एक मूर्त रूप दिया जिसे
देनवा नदी के प्रदुषण से जोड़ा गया। नर्मदा बचाओं आन्दोलन की नेता सुश्री
मेघा पाटकर से प्रेरणा लेकर रामकिशोर पंवार ने सारनी थर्मल पावर स्टेशन की
राख से प्रदुषित हो रही देनवा नदी का मामला उठाया जिसके बाद नालो के माध्यम
से देनवा – तवा और नर्मदा नदियों में घुलने वाली राख को एश बंड बना कर
रोकने का प्रयास किया गया। बीस वर्षो तक बैतूल जिले के दो औद्योगिक उपक्रमो
के कामगारो की समस्या के अलावा श्री पंवार ने मध्यप्रदेश के सीधी जिले के
कुसमी ब्लाक के ग्राम हरई में विलुप्त होती खैरवार जनजाति का भी मामला
जनप्रकाश में लाया। नीमच – मंदसौर हाइवे के समीप बसी बस्ती में बाछड़ा जन
जातियों एवं बेड़नियां जाति की महिलाओं एवं युवतियों के देह व्यापार को भी
अपनी धार – धार कलम का हिस्सा बनाया। पातालकोट के वनवासियों की समस्या हो
या फिर सदियों से चली आ रही पाढुर्णा की गोटमार को भी अपनी लेखनी के माध्यम
से उठाने का प्रयास किया। उनके बहुचर्चित लेखो में कादिम्बनी में प्रकाशित
लेख विचित्रता से भरे भारत के गांव प्रमुख हैं। श्री पंवार की अभी एक हजार
से अधिक कहानियां विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में छप चुकी है उनकी
बहुचर्चित कहानी रिजल्ट दैनिक ट्रिब्यूल चंडीगढ़ में छपी थी। राजस्थान की
शौर्यगाथा और मैसूर के टीपू सुल्तान पर उनके कई लेख प्रकाशित हुए हैं। धार
की भोजशाला की बात हो या फिर नागपुर की देह मंडी गंगा – जुमना की हर समस्या
को अपनी लेखनी का माध्यम बनाने में श्री पंवार पीछे नहीं हटे। पड़ौसी देश
नेपाल के भगवान पशुपतिनाथ से लेकर महाकाल तक पर उनकी लेखनी संस्कृति एवं
अध्यात्म पर भी लिखा। उनकी सेहरा के कुंजीलाल की कथित मौत के लाइव
टेलिकास्ट पर भी कई सत्यकथाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। बैतूल जिले में मां
ताप्ती जागृति मंच से जुड़े श्री पंवार ने ताप्ती महिमा को जन – जन तक
पहुंचाने का बीड़ा उठाया हैं। श्री पंवार का जीवन का सफर कुछ इस प्रकार रहा
हैं। स्वंतत्र लेखन पत्रकारिता एंव समाचार पत्र प्रकाशन , संपादन के साथ वे
सतपुड़ा लेखक मित्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। जिला प्रेस क्लब बैतूल
उपाध्यक्ष , संस्थापक बैतूल जिला नवयुवक पंवार समाज जाग्रति मंच , संस्थापक
रोहिणी के अलावा बैतूल जिला पर्यावरण संरक्षण समिति के जिला संयोजक भी हैं।
आपको बैतूल जिला पर्यावरण वाहिणी केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार
द्वारा गठित एंव मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित समिति का सदस्य भी बनाया
गया। पत्रकारिता के क्षेत्र में 1978 से नियमित रूप से प्रादेशिक एवं
विदर्भ के हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में पत्र लेखन 1980 से 1983 तक
पाथाखेड़ा में साप्ताहिक प्रभात किरण इन्दौर के संवाददाता के रूप में 1980
से 1989 तक विदर्भ के दैनिक युगधर्म नागपुर के पाथाखेड़ा संवाददाता के रूप
में 1982 से 1985 तक दैनिक स्वदेश भोपाल एवं ग्वालियर के लिए 1983 से 1985
तक दैनिक भास्कर भोपाल, जबलपुर, इन्दौर, के लिए 1985 से 1987 तक दैनिक
जागरण भोपाल के लिए 1988 से 1990 तक नवभारत नागपुर के लिए 1986 से 1987 तक
नागपुर टाइम्स आंग्ल दैनिक के लिए 1989 से 1991 तक हितवाद नागपुर 1992 से
1993 तक दैनिक नवभारत भोपाल,2000 से आज तक मासिक विजन टूडे के मध्यप्रदेश
एवं छत्तिसगढ़ ब्यूरो के रूप में कार्यरत 1998 से 2004 तक मासिक मधुर कथाए
दिल्ली बैतूल प्रतिनिधी के रूप में कार्यरत 1998 से 2002 तक मासिक सच्ची
दुनिया दिल्ली के लिए बैतूल प्रतिनिधी के रूप में कार्यरत 1990 से 2004 तक
दैनिक फिर नई राह भोपाल दैनिक अफकार भोपाल ,रा.साप्ताहिक पंचड दिल्ली,
दैनिक देशबंधु भोपाल, मासिक कर्मयुद्घ इन्दौर, मासिक धर्मयुद्घ इन्दौर,
साप्ताहिक मन की चाल इन्दौर, हिन्दी साप्ताहिक दिलेर समाचार दिल्ली, दैनिक
आलोक भोपाल, दैनिक एक्सप्रेस न्यूज भोपाल,एक्सप्रेस मिडिया सर्विस भोपाल,
साइना न्यूज एजेन्सी भोपाल, साप्ताहिक पहले पहल भोपाल, साप्ताहिक विज्ञापन
की दुनिया नागपुर,1980 से इन पंक्तियो के लिखे जाने तक हिन्दी मासिक
कादिम्बनी दिल्ली, मासिक नवनीत मुम्बई , दिल्ली प्रेस प्रकाशन की पत्रिकाए
सरस सलिल, गृहशोभा, चंपक, मुक्ता, सरिता,फोर्थ डाइमेंशन मीडिया प्रा.लि. नई
दिल्ली की पाक्षिक पत्रिका फोर्थ डी विचार सारांश , हिन्दी पाक्षिक आऊटलुक
दिल्ली , हिन्दी पाक्षिक सिनीयर इंडिया दिल्ली मित्र प्रकाशन इलाहबाद की
सत्यकथा एवं मनोरमा, नई सदी प्रकाशन की मधुर कथाए , क्राइम एण्ड डिक्टेटीव,
दिल्ली, दैनिक जागरण की सत्यकथा भोपाल, मासिक मनोनित कहानियाँ दिल्ली,
मासिक कंरट दिल्ली, मासिक विजन टूडे दिल्ली, मासिक नूतन कहानियाँ , सच्ची
कहानिया , कुसुम परख इलाहबाद, मासिक मेरी सहेली मुम्बई, मासिक अपराध
साहित्य की सुपर टाप स्टोरी दिल्ली मासिक सच्चे किस्से, दिल्ली मासिक आलोक
सत्यकथाए भोपाल, मासिक गृहलक्ष्मी दिल्ली, मासिक डायमंड सचित्र सत्यकथा
दिल्ली, मासिक सच्ची दुनिया, दिल्ली मासिक अपराध कथाए दिल्ली, मासिक माधुरी
मुम्बई सहित देश की कई ख्याती प्राप्त पत्र पत्रिकाओं में नियमीत आलेख ,
रिर्पोटार्ज तथा एक हजार से अधिक कहानियां अब तक प्रकाशित हो चुकी
है.वर्तमान समय में बैतूल जिले से एक पाक्षिक , एक साप्ताहिक समाचार पत्र
का प्रकाशन राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक पंजाब केसरी दिल्ली के प्रतिनिधी के रूप
में कार्य कर रहे हैं। श्री पंवार द्वारा हाल ही में मध्यप्रदेश के आदिवासी
बाहुल्य बैतूल जिले का पहला अतंराष्ट्रीय वेब न्यूज एवं व्यू चैनल यू एफ टी
न्यूज डाट काम शुरू किया गया हैं जिस पर श्री पंवार की पत्रकारिता एवं लेखन
के 28 वर्षो का लेखा – जोखा तो होगा ही साथ ही उनके संपादन एवं निर्देशन
में बैतूल जिले की ही नहीं प्रादेशिक – राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय खबरो के
अलावा कई महत्वपूर्ण समाचारो के वीडियो फूटेज भी रहेगें। जिले की यह एक
मात्र पहली बेव पोर्टल न्यूज एवं व्यू सर्विस रहेगी जो पाठको के आलवा देश –
विदेश के समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ के साथ – साथ न्यूज एजेंसियों को भी
न्यूज एण्ड व्यू भेजा करेगी। सूर्यपुत्री मां ताप्ती को समर्पित बैतूल जिले
के इस पहले बेव पोर्टल रामकिशोर पंवार द्वारा संचालित एवं निर्देशित इस बेव
चैनल पर रामकिशोर पंवार की रहस्यमय सत्यकथायें , कहानियां , लेख एवं अब तक
के सर्वश्रेष्ठ समाचारो एवं आलेखो की सचित्र रिर्पोटो को भी स्थान दिया जा
रहा है। इस बेव चैनल के द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर संवाददाताओं ,
कैमरामेनो , का नेटवर्क स्थापित किया जायेगा। जनता एवं शासन के बीच
मध्यस्थता करने में सहायक सिद्ध होने वाले बैतूल जिले के एक मात्र बेव
पोर्टल पर देश – प्रदेश – जिले के समाचार पत्रो को भी सीधे जोड़ा जायेगा।
हिन्दी के अलावा अग्रेंजी में भी इस वेब पोर्टल पर खबरो का अच्छा खासा
ढांचा तैयार किया जायेगा। उक्त जानकारी देते हुये बेव पोर्टल के डायरेक्टर
बज्रकिशोर पंवार डब्बू ने बताया कि आदिवासी कला संस्कृति एवं सूर्यपुत्री
मां ताप्ती महिमा से ओतप्रोत इस बेव चैनल पर गांव – शहर – जिला – प्रदेश –
देश – दुनिया दिन की भी खबरो के भी फूटेज एवं समाचार एक साथ देखने एवं
पढऩे को मिल जायेगें । पत्रकार रामकिशोर पंवार का पूरा जीवन संघर्ष भरा
रहा। पत्रकारिता के साथ – साथ वे सामाजिक , सांस्कृतिक , साहित्यीक
गतिविधियों में भी शामिल रहे। वे पत्रकारो के आन्दोलन एवं संगठनो से भी
जुड़े रहने के कारण उन्होने कई बार राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार सम्मेलनो में
सहभागिता निभाई हैं। बैतूल जिले के वे एक मात्र ऐसे पत्रकार रहे हैं जो
अपनी पहचान के साथ – साथ अपने गांव एवं जिले की भी पहचान स्थापित करने में
सार्थक सिद्ध हुए। पत्रकार लेखक कहानीकार रामकिशोर पंवार की 47 वी वर्षगांठ
पर यह लेख समर्पित हैं।