ग़ज़लः होली

 

झूमकर नाचकर गीत गाओ

सात रंगों से जीवन सजाओ

पर्व पावन है होली का आया

भाईचारे से इसको मनाओ

हर तरफ़ शबनमी नूर छलके

कहकशाँ को ज़मीं पर ले आओ

लाल, पीले, हरे, नीले चहरे

प्यार के रंग ऐसे मिलाओ

देवी चहरे हों रौशन सभी के

दीप आशाओं के यूँ जलाओ

देवी नागरानी

HTML Comment Box is loading comments...
 

Free Web Hosting