नयन की भाषा तुम्हारी मोरपंखी गीत का,
सिलसिला है नेह से भीगी अनवरत प्रीत का
हिज्र का एहसास भी होता नहीं है रात भर
याद का मनहर तसव्वुर है मृदुल संगीत का
वस्ल की चाहत से उल्फत हम नहीं करते हुजूर
आखिरी अन्जाम हमको पता इसकी रीत का
हाले दिल लव से कहो न, करो नज़रों से बयां
है यहां यकसां नतीजा हार का या जीत का
हर मोहब्बत बने दुल्हन यह कहां उसका नसीब
हर कलम को नहीं आता है सलीका गीत का
आशिकों का इश्क होता है अनाड़ी की तरह
इश्क से सम्बन्ध है सदियों पुराना दीप का
है शमां का काम जलने का जलाती है ‘सुशील’
उसे क्या मालूम, कितना दिल मचलता मीत का

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