आँखों में आँख डाल रहे जो गुमान की
उड़ चला है आज मन पतंग की तरह
बंटवारा कराया है
दोस्ती में दिल खुला हो
ये रंगीन होली
धर्म अब इंसानियत हो
प्यार से हमको संभाला कीजिये
काया यह दीपक बने..