चुप ख़ामोशी कब तक रहेगी


चुप ख़ामोशी कब तक रहेगी? गर हर पल यूं तडफाओगे I
एक सैलाब बन टूटेगी चुप्पी, किस-२ से तुम लड़ पाओगे?

आँख बचाकर नजर टकाकर, बच पाओगे कुछ पल ही,
मीठी वाणी, झूठा दिलासा, आयेगा कल, आखिर कल भी,
बन बवंडर एक तूफानी, तुम पत्ते गीले झड़ जाओगेI
एक सैलाब बन......................................II

टूटा बदन तेरी जिव्हा पालना, जीवन जी जी जीता नहीं,
खून है चूसा घाव गात है, सीना सी सी सीता नहीं,
तम, यम सम है ऐसा विचित्र, कैसे उससे बच पाओगे?
एक सैलाब बन......................................II

दे दो खुद ही, जो उनका हक़ है, हेतु पीढ़ी कितनी है मरी,
कली कुबेर तू बनके कोबरा, डर थोडा, दुःख आँहे भरी,
आंसू आँहे पानी पानी, उनमे क्या तुम तर पाओगे?
एक सैलाब बन......................................II

चक्री बन चकराता था जग को, खुद उसमे फंस जायेगा,
गर समझ गया चक्कर वो सारा, ऐसे ही तुझे उलझाएगा,
'मनु' हांके तुझे फंदा गले संग, तुम मारे शर्म मर जाओगे I
एक सैलाब बन......................................II

§ बिजेंद्र एस. 'मनु'

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