हरियाली फिर लानी है

 

हरियाली-२ हमें लानी है
फिर से धरती को हमें सजाना है
जितना हो सके अपने मन से तुम्हें
उतनी ही पेड़ लगाने हैं
हरियाली-२ हमें लानी है
अरे हमने जो पाया है
सब पल की खुशी है
जिसने जो खोया है
वो धरती दिल से दुखी है
रोती तो बाढ़ ले आती वो
इंसानों को सबक सिखाती वो
तुम उसके बच्चों को छेड़ोगे
वो हम सब को न छोड़ेगी
अरे सुधर भी जाओ
मिल के पेड़ लगाओ
ये न समझो कोई कहानी है
हरियाली-२ हमे लानी है
धरती सबकी माता है
दुनिया की भाग्य-विधाता है
सबको जो इसने बनाया है
अपने आंचल में सबको सुलाया है
सारे पेड़ और पौधे सारे जीव और जंतु
सब है परिवार जो इनके-२
पर क्यों कांटते है हम मिलके
अरे सुधर भी जाओ मिलके पेड़ लगाओं
ये न समझो कोई कहानी है
हरियाली-२ हमे लानी है

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