बधुएं ही क्यों जलाते हैं?

शशांक मिश्र ’भारती’ 

 

समाज व देश विकसित होकर भी
नारी को न समानिाधिकार है,

प्रत्येक स्थान पर पीड़ित है नारी
दानवी वृत्ति के स्वप्न साकार हैं।

संविधान में व्याप्त है समता
पर दोहरी नीतियां चलती हैं,

हैं समान सभी दृष्टि से सब पर
दहेज में नारी ही क्यों जलती है।

यही यक्ष प्रश्न आज हंै सामने-
जो नित प्रति उठते जाते हैं,

जब लड़का-लड़की समान हैं
तब बधुएं ही क्यों जलाते हैं।।

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