मेरे गाँव के उस झप्पर पर
वो दूर उस छोर खड़ी
देख मुझे कुछ बडबडा रही थी !
हिम्मत न थी मेरी
जा उस संग कोई बात करू !
सुन रखा था कुछ ऐसा
इन्सान को जान से मार देगी
उसके पत्थर का जबाब नही !
बच्चे जवान सब छुप जाते थे
जब वो गली से गुजरा करती थी !
मट - मेले उसने वस्त्र पहने
मुख पर बालो कि लटाए लटके
वो आधे मिमाग कि मालकिन
मेरे गाँव के उस झप्पर पर
मेरे गाँव की "बाइलो" थी !