चारो और तू दिखता है


याद तेरी आकर ना जाए,
रोज बुलाऊ तू ना आए I
जब बेगाना लगता है,
चारो और तू दिखता है II

दिल की प्यास बस चाहे तुझे ही,
तू जो दूर तो कैसे बुझेगी,
ये दिल तेरे पर टिकता है I
चारो और तू दिखता है II

आँखे इंतज़ार में सूख गयी,
आँखों की मर अब भूख गयी,
नयनो में तू ही बसता है I
चारो और तू दिखता है II

ये दिल तेरे बिन धडके ना,
संध्या भी न और तड़के ना,
जब तू नस-२ में बहता है I
चारो और तू दिखता है II

ये वायु भी बेकार हुई,
जिंदगी अब तो दरकार हुई,
जब तू साँसों में बसता है I
चारो और तू दिखता है II

मस्तिक तो मेरा ख़ाली है,
तुझ बिन ना कोई माली है,
'मनु' नाम तेरा लिख मिटता है I
चारो और तू दिखता है II

§ बिजेंद्र एस. 'मनु'

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